गुरुवार, 22 अगस्त 2019

प्रेम ⇝ घृणा

⇜ प्रेम से प्रेम,घृणा से घृणा ⇝

➤परमात्मा प्रेम है। जो प्रेम में डूबा हुआ है, वह परमात्मा में समाया हुआ है, और परमात्मा उसमें समाया हुआ है ।

        कहते हैं एक बार की बात है अकबर बादशाह और बीरबल कहीं जा रहे थे।
छोटा सा कहानी है,लेकिन एक बात बोले मज़ा आ जायेगा ।मालूम
        कहते हैं एक बार की बात है अकबर बादशाह और बीरबल कहीं जा रहे थे।कुछ फासले पर उन्हें एक जाट आता नजर आया। अकबर बादशाह ने बीरबल से कहा कि इसे देखकर अचानक मेरा मन कहता है कि इसे गोली मार दूँ ।
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देखें इसके दिल💗 में मेरे लिए क्या विचार आते हैं ? जब वह जाट उनके नज़दीक आया तो बीरबल ने बादशाह की ओर इशारा करते हुए उस जाट से पूछा कि भाई डरो नहीं सच - सच बताओ,
मैं Online Business भी करता हूँ ,आप शांति से इस पेज को भी देख सकते है।  जब तेरी नजर इस आदमी पर पड़ी तो तेरे मन में क्या ख्याल आया था ? उस जाट ने कहा कि मेरा दिल चाहता था कि इस आदमी की दाढ़ी खींच लु। इस ख्याल की पुष्टि हो गई कि दिल को दिल से  सीधा‌‌‌‌‌‌‌- राह होती है।


               इसलिए कहते हैं कि अगर शिष्य गुरु को प्यार करेगा तो गुरु भी ज़रूर उसे प्यार करेगा ।
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