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सोमवार, 21 अक्टूबर 2019

ha ha ha , उलझने बहुत है , अपुचुनीटी भी बहुत है।

no-5🔃 हजारों बिजलियॉ टूट परी 🔃 

              गुरू के लिए त्मा को ऊपर  no-7 ले जाना मुश्किल नही,लेकिन उचित अभ्याके बिना ऊपर ले जाने से आत्मा का नुकसान होता है ।एक रेश्मी कपड़े को ,जो कांटेदार झारियो पर फैला हुआ है ,एकाएक खींचा जाये तो वह फकर टुकड़े -टुकड़े हो जायेगा ।उसी तरह आत्मा को ,जो कर्मो के कांटो मे फंसी हुई है और शरीर के रोम-रोम मे फैली हुई है, गुरू के प्रेद्रुरा धीरे-धीरे निर्मल करना चाहिए ।  no-10

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