सोमवार, 22 मई 2023

जिंदगी के जंग ,जीत लेंगे हम l

↻  बे दाग दाढ़ी  ↺


  मन हमारा दुश्मन है और इसे दुश्मन समझते हुए इसकी हरकतों पर चौकीदारी करनी चाहिए ।


      एक स्त्री थी । उसके रिश्तेदारों में एक अच्छा कमाई वाला महात्मा था। कुछ तो कमाई और कुछ बेफिक्री और बेपरवाही के फलस्वरूप उसके चेहरे पर हमेशा रौनक और खुशी रहती थी। उसकी सौभाग्य मान दाढ़ी
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जिसे वह कई वर्षों से पाल रहा था । एक दिन उस स्त्री ने पूछा, "आपके मुंह पर यह क्या है ? दाढ़ी है या झाड़ी ?" वह महात्मा चुप रहा । इसी प्रकार व औरत अक्सर उसे चिढाती रहती क्योंकि उसने किसी की इतनी सुंदर दाढ़ी नहीं देखी थी, पर वह महात्मा खामोश रहता । जब उसकी मौत का समय निकट आया तो उसने उस स्त्री को बुलवाया । वह औरत सामने आयी तो महात्मा ने उसने कहा," अब वह बात पूछो ।"  उसने आदेश का पालन करते हुए पूछा, "आपकी मुंह पर क्या है ? दाढ़ी है या झाड़ी ? महात्मा ने उत्तर दिया, " मैं  अब इस स्थिति में हूं कि तुझे बता सकूँ। मेरे मुंह पर दाढ़ी है और मैं इसको बेदाग और पवित्र लेकर जा रहा हूं।"  वह कहने लगी, उस वक्त क्यों नहीं बताया ? इतने साल चुप क्यों रहे ? महात्मा ने स्नेहपूर्वक कहा," 
देखो मन का कुछ पता नहीं । इसका क्या भरोसा कि कब गिरा दे। इंसान को जिंदगी में कभी गर्व नहीं करना चाहिए।"
                       दुनिया में दम मारने की गुंजाईश नहीं है ।

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