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सोमवार, 30 दिसंबर 2019

क्या लिखू मैं ?

मैं सोच रहा हूँ कि मैं अपनी बात आप लोगो के साथ शेयर कर हि दूँ,लेकिन क्या फायदा आप लोग पढेंगे हि नही,,,इसलिये फिर कभी......
आज हम भारत के लोग अपनी दिमाग के बदौलत कहा तक अपनी सोच को बढ़ा सकते है ,जो सोचो उसी के बारे मे इतना सोच सकते है कि हम ऐसा कर सकते है कि जो कोई भी नही कर सकता है ।लेकिन क्या फायदा मेरे पास तो पैसा हि नही है ," क्या करु !!
और ऐसे भी बोलने वाले भी होंगे कि "जब सोच लिया है ,तो कर भी लेंगे ॥॥॥
अब आप अपने दिल से सोचिए कि आप कैसे करते है,और कैसे सोचते है । अब मैं आपके दिल मे तो नही झाक कर देख सकता ।
" एक बात बोलू "
अपने 'दिल' से जानिए,पराये 'दिल' का हाल
जो आपके दिमाग मे चल रहा है, वही बात मेरे भी दिमाग मे चल रहा है ।
और ऐसे हि कितने अपने सही समय को बर्बाद कर देते है, जब कि उसके दिमाग से वह काम ठिक लग रहा होता है,और उसके घर वाले कि तरफ से उसे डांट पर डांट मिल रहा होता है ।
अजिब है दुनीया,. मन करता है ,आपको वो सारी बात बता दु जिससे आप एक महान आदमी बनो,लेकिन कहुंगा तो आप बोलोगे कि पहले आप बन के दिखाओ।फिर मुझे बना देना ।
मै सोचता हू कि चुप रह कर पहले मै महान आदमी बन जाऊ,लेकिन चुप रह कोई महान आदमी नही बना है,जैसे - श्री कृष्ण" उपदेश देकर दुनीया को सही मार्ग दिखाया ,और जैसे कि A.P.J Abdul Kalam चूप रह कर एक महान आदमी बने,लेकिन उनके भी कूछ उपदेश है ।
तो मै क्या बोलू , और क्या ना बोलू ? जो भी मै बोलू उसके आगे या उसके पिछे बहूत सारे प्रश्न रहता है । बोलू तो भी जाऊ ,,ना भी बोलू तो भी जाऊ ।
ये उसी के जैसे है जैसे कोई "पागल" वह अपने दिमाग के हिसाब से उसे सब ठिक लग रहा होता है,लेकिन जो पागल नहि है वो तो पागल कि तरह करते है।काम कहाँ करना होता है ,लेकिन फालतु के काम कर रहे होते है / अगर सही काम कर रहे होते हमारा India कब का सबसे Develop country होता ।



"जो रहना वो कहना"

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