झूठे वादों की सजा
मैं Online Business भी करता हूँ ,आप शांति से इस पेज को भी देख सकते है।
बुल्ले शाह ने कहा, "पहले आप मेरे एक मुकदमे का फैसला कर दो, फिर जो आपकी मर्ज़ी हो करना ।" उन्होंने पूछा, "तेरा मुकदमा क्या है ? तब बुल्ले शाह ने कहा, "अगर कोई आदमी रोज कहे कि मैं अमुक चीज तुझे आज दूंगा, कल दूंगा, यहां दूंगा, वहां से दूंगा, लेकिन दे कुछ नहीं बल्कि 40 साल इसी तरह चलता रहे , आप उस पर क्या फतवा लगाओगे ?" वह कहने लगे," ऐसे व्यक्ति को जिंदा जला देना चाहिए ।" यह सुनकर बुल्ले शाह ने कहा कि आप सब को जिंदा जला देना चाहिए क्योंकि आपकी सरीयत वालों ने 40 साल वादे किए लेकिन दिया कुछ नहीं । जब लाजवाब होकर अपने-अपने घर चले गए । तब बुल्ले शाह ने कहा ;
मेला नाम विक्लाम है,आपका नाम क्या है ।
अनेक लोग अपने ज्ञान का प्रदर्शन करके अपनी प्रशंसा करवाने का प्रयास करते हैं पर वे धन्य हैं जिन्होंने प्रभु प्रेम के लिए अपने मन को अन्य सभी इच्छाओं से खाली कर दिया है।
जिक्र है कि बुल्लेशाह बड़ा आलिम-फाजिल था। 40 साल की खोज की, बहुत से शास्त्र और धार्मिक किताबें पढ़ी, अनेक महात्माओं और नेक लोगों से वार्तालाप की लेकिन कुछ हासिल ना हुआ। आखिर उसको एक मित्र ने जो परमार्थ में काफी आगे था और जिसे बुल्लेशाह की हालत का ज्ञान था, कहा,"भाई साहब, किताबों से क्यों माथा-पच्ची करते हो, यह सब बेकार है। इनायत शाह के पास जाओ। शायद वे परमार्थि खोज में तुम्हारी मदद कर सकें।'' जब उनके पास गया, उन्होंने रास्ता बताया तो अंदर पर्दा खुल गया। पर्दा तो खुला ही था, क्योंकि अंदर प्रेम था।
जब पर्दा खुला तो उसने भी कार्य किये, जिनको बाहर की आंखे रखने वाले अनुचित समझते हैं क्योंकि म***** और काज़ी तो शरीयत को ही परमार्थ समझते हैं पर सच्चे या आंतरिक भेद के बारे में वे बिलकुल बेखबर है । जब शरीयत वाले लोगों ने सुना तो कहा की यह कुफ्र कर रहा है। इस पर फतवा लगाना चाहिए। सारे इकट्ठा होकर बुल्ले शाह के पास गया और कहा कि तुम ऐसी बातें करते हो जो शरीयत के विरुद्ध है । क्या आप अपने पक्ष में कुछ कहना चाहते हो ?
बुल्ले शाह ने कहा, "पहले आप मेरे एक मुकदमे का फैसला कर दो, फिर जो आपकी मर्ज़ी हो करना ।" उन्होंने पूछा, "तेरा मुकदमा क्या है ? तब बुल्ले शाह ने कहा, "अगर कोई आदमी रोज कहे कि मैं अमुक चीज तुझे आज दूंगा, कल दूंगा, यहां दूंगा, वहां से दूंगा, लेकिन दे कुछ नहीं बल्कि 40 साल इसी तरह चलता रहे , आप उस पर क्या फतवा लगाओगे ?" वह कहने लगे," ऐसे व्यक्ति को जिंदा जला देना चाहिए ।" यह सुनकर बुल्ले शाह ने कहा कि आप सब को जिंदा जला देना चाहिए क्योंकि आपकी सरीयत वालों ने 40 साल वादे किए लेकिन दिया कुछ नहीं । जब लाजवाब होकर अपने-अपने घर चले गए । तब बुल्ले शाह ने कहा ;
परमार्थ में इल्म कि नहीं, और अमल की जरूरत है ।
आज अगर लेट करेंगे,तो कल भी आप लेट ही रहेंगे, !
उठाओ कैमरा दिखा दो दुनिया को"" कि आपमे भी कुछ बात है ।
`
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें