⤪ मालिक सब देखता है ⤭
ऐसा कोई स्थान नहीं जहां मालिक नहीं है । तेरी बादशाहत से कहां जाऊँ ? तेरी हजूरी से भाग कर कहां जाऊँ ? यदि मैं आसमानों पर चढ़ जाऊँ,तू वहां भी मौजूद है। यदि पाताल में अपना डेरा तान लूं तो वहां भी तू है ।"
किसी महात्मा के पास दो आदमी नाम लेने आए। उसमें से एक अधिकारी था, दूसरा अनाधिकारी; महात्मा कमाई वाले थे। उन्होंने दोनों को एक-एक बटेर 🐦 दे दिया और कहा कि जाओ, इनको उस जगह जाकर मार लाओ, जहां कोई और ना देखें। उनमें से एक तो झट से पेड़ की ओट में जाकर बटेर को मार कर ले आया ।
मैं Online Business भी करता हूँ ,आप शांति से इस पेज को भी देख सकते है। जो दूसरा था वह उजार में चला गया।
मैं Online Business भी करता हूँ ,आप शांति से इस पेज को भी देख सकते है। जो दूसरा था वह उजार में चला गया।
अब वह सोचता है कि जब मैं इसे मारता हूं तो यह मुझे देखता है और मैं इसे देखता हूं। तब तो हम दो हो गए तीसरा परमेश्वर देखता है, मगर महात्मा का हुक्म था इसे वहां मारो जहां कोई ना देखें । आखिर सोच - सोच कर बटेर को महात्मा के पास ले आया और बोला कि महात्मा जी मुझे तो ऐसी कोई जगह नहीं मिली जहां कोई ना देखता हो?곧 क्योंकि मालिक हर जगह मौजूद है। महात्मा ने कहा, मैं तुझे नाम दूंगा और दूसरे से कहा, जाओ, अपने
घर !
इसीलिए अगर मालिक को हर जगह हाज़िर-नाज़िर समझें, तो हम कोई एब, पाप या बुरा काम ना करें ।
घर !
इसीलिए अगर मालिक को हर जगह हाज़िर-नाज़िर समझें, तो हम कोई एब, पाप या बुरा काम ना करें ।


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