''मेंढक और हंस''
एक बार एक हंस समुद्र से उड़कर दूसरे समुद्र को जा रहा
था ।
रास्ते में थक कर एक कुएं के किनारे बैठ गया । उस कुएं में एक मेंढक था ।
उस मेंढक ने पूछा भाई, ओ भाई.... तुम कौन हो और कहां से आए हो ?''
हंस ने जवाब दिया कि मैं समुद्र के किनारे रहने वाला एक पक्षी हूं और मोती चुन कर खाता हूं ।
तब मेंढक ने पूछा कि समुद्र कितना बड़ा है ? हंस ने कहा बहुत बड़ा समुद्र है । मेंढक ने थोड़ी दूर पीछे हटकर कहा इतना बड़ा होगा ? उसने कहा नहीं बहुत बड़ा है । मेंढक ने थोड़ा सा चक्कर लगाकर पूछा क्या इतना बड़ा है ।हंस ने कहा नहीं इससे भी कहीं ज्यादा बढ़ा है।
Vikrant Kumar Follow me on facebook,Instagram,Twitter and YouTube_Everyware
मेढक सारे कुएं का चक्कर लगा कर कहने लगा कि क्या इतना बड़ा है। हंस ने कहा की समुद्र इससे भी कहीं बड़ा है । तब मेढक बोला ''तू झूठा है , बेईमान है। इससे बड़ा हो ही नहीं सकता !''
जो बात हमारी समझ से बाहर होती है उसको हम मानने के लिए तैयार नहीं होते हम कहते हैं कि बताने वाला ही झूठा है ।
जब तक पृथ्वी तब तक हम This is best Story . https://hiddensole.blogspot.com/2019/07/su-prabhat.html
Facebook Page https://www.facebook.com/vikrantjha93/ Follow me
मूर्ख को समझाना बेकार Amazing story https://hiddensole.blogspot.com/2019/07/blog-post_14.html





कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें